किसी पर झूठा आरोप लगाना और उसकी मान प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाना मानहानि की श्रेणी में माना जाता है। इसके पीछे के तर्क हैं कि व्यक्ति की प्रतिष्ठा को धन, संपत्ति का हिस्सा समझा गया है।
एक मशहूर कहावत है कि इंसान अपनी इज्जत बनाने में वर्षों लगा देता है लेकिन उसे गंवाने में एक पल ही काफी होता है। इस संसार में हरेक इंसान के लिए इज्जत, मान और प्रतिष्ठा बहुत ही मायने रखती है। देश संविधान के अंतर्गत हरेक इंसान को कुछ मौलिक अधिकार और दायित्व दिए गए हैं। उन्हीं अधिकारों में से एक मान और प्रतिष्ठा के साथ जीने का भी है। लेकिन अगर कोई इंसान दूसरे के इस मौलिक अधिकार का हनन करने या उसे किसी भी माध्यम से छीनने की कोशिश करता है तो इसके तहत कानून में कुछ प्रवाधान भी दिए गए हैं। मानहानि मुकदमा ये अक्सर टेलीविजन, अखबरों या बड़े-बड़े बिजनेसमैन और सेलिब्रिटी से सुनने वाला शब्द है। आइए आपको मानहानि से सारे तथ्यों के बारे में विस्तार से बताते हैं। सबसे पहले जान लीजिए क्या है मानहानि?
कभी भी कोई ऐसा बयान जिसे किसी व्यक्ति संस्था जिसके खिलाफ वो बयान हो अगर उससे छवि खराब होती है। तो मानहानि के तहत केस दर्ज होता है। किसी पर झूठा आरोप लगाना और उसकी मान प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाना मानहानि की श्रेणी में माना जाता है। इसके पीछे के तर्क हैं कि व्यक्ति की प्रतिष्ठा को धन, संपत्ति का हिस्सा समझा गया है। इसलिए अगर कोई व्यक्ति किसी को संपत्ति से वंचित करता है तो वो अपराध की श्रेणी में माना जाता है।
मानहानि अपराध के तीन महत्वपूर्ण भाग होते हैं।
मानहानि से संबंधित साम्रगी प्रकाशित करना।
लिखित या मौखिक रुप से मानहानि करना।
ऐसी कोई कार्यवाही हो किसी को बदनाम करने की मंशा से की गई हो।
कितने प्रकार की मानहानि होती है
मानहानि दीवानी (सिविल) और फैजदारी (आपराधिक) दोनों अपराध हैं। सिविल कानून के अंतर्गत अपमानित व्यक्ति अपने अपमान को साबित करने के लिए हाई कोर्ट या लोअर कोर्ट का रूख कर आरोपी से आर्थिक मुआवजे की मांग कर सकता है। राज्य के खिलाफ मानहानि भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए में निहित है जिसको देशद्रोह कहा जाता है। किसी समुदाय के खिलाफ मानहानि भारतीय दंड संहिता की धारा 153 में निहित है, जिसे उपद्रव कहा जाता है।
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भारतीय दंड संहिता की धाराएं 499 से 502 मानहानि से सम्बंधित है
अगर कोई व्यक्ति धारा 499 के अंतर्गत दोषी पाया जाता है तो उसको निम्न धाराओ के तहत दंड दिया जा सकता है।
धारा 500: मानहानि आईपीसी 500 के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी दुसरे व्यक्ति की मानहानि करता है तो उसको धारा 500 के तहत 2 साल तक की कैद या आर्थिक जुर्माना या फिर ये दोनों सज़ा हो सकती है।
अपने आर्थिक उदेश्य के लिए किसी की मानहानि करने पर धारा 502 के तहत 2 साल तक की कैद या आर्थिक जुर्माना या फिर ये दोनों सज़ा हो सकती है।